घर में पिता की मौत हो गई। लॉकडाउन के कारण दोनों लड़के दिल्ली से घर वापस नहीं लौट पा रहे थे। ऐसे में सांसद अजय टम्टा मददगार बनकर सामने आए। सांसद ने मृतक के दोनों लड़कों और बहू को घर भेजने में मदद की। शनिवार को घर पहुंचकर पुत्रों ने पिता का अंतिम संस्कार किया।
मिली जानकारी के अनुसार जिले के गांसी गांव निवासी मानी राम (70) की शुक्रवार शाम करीब 4 बजे मृत्यु हो गई थी। मृतक के दोनों लड़के प्रताप कुमार और गणेश राम दिल्ली में निजी कंपनी में नौकरी थे। परिजनों ने लड़कों को मानी राम का निधन होने की सूचना दी, लेकिन दोनों पुत्रों और उनके साथ रह रही मृतक की बहू कलावती देवी के सामने घर लौटने की समस्या पैदा हो गई।
मिली जानकारी के अनुसार जिले के गांसी गांव निवासी मानी राम (70) की शुक्रवार शाम करीब 4 बजे मृत्यु हो गई थी। मृतक के दोनों लड़के प्रताप कुमार और गणेश राम दिल्ली में निजी कंपनी में नौकरी थे। परिजनों ने लड़कों को मानी राम का निधन होने की सूचना दी, लेकिन दोनों पुत्रों और उनके साथ रह रही मृतक की बहू कलावती देवी के सामने घर लौटने की समस्या पैदा हो गई।
सुबह करीब 11 बजे यह लोग घर पहुंच गए
गांसी की प्रधान प्रीता देवी और जिला रेडक्रास सोसायटी के चेयरमैन अशोक लोहनी ने सांसद अजय टम्टा से संपर्क साधा। मृतक के पुत्रों ने भी सांसद को समस्या बताई। सांसद अजय टम्टा ने दोनों पुत्रों और बहू का गांसी आने के लिए पास बनवाया। दोनों बेटे कार बुककर शुक्रवार देर शाम बागेश्वर के लिए रवाना हुए।
शनिवार को सुबह करीब सवा नौ बजे यह लोग बागेश्वर पहुंचे। जहां जिला रेडक्रास सोसायटी के चेयरमैन अशोक लोहनी उनका पहले से इंतजार कर रहे थे। लोहनी ने इन लोगों की जलपान की व्यवस्था की थी। प्रताप कुमार और गणेश राम ने जलपान करने से इंकार किया।
उनके मुंह से आभार जताने के लिए शब्द नहीं निकल पा रहे थे। उन्होंने थैंस अजय टम्टा कहा और लोहनी का भी आभार जताया। इसके पश्चात यह लोग 50 किमी दूर गांसी के लिए रवाना हुए। सुबह करीब 11 बजे यह लोग घर पहुंच गए थे। स्थानीय श्मशान घाट में अपने पिता का अंतिम संस्कार किया।
शनिवार को सुबह करीब सवा नौ बजे यह लोग बागेश्वर पहुंचे। जहां जिला रेडक्रास सोसायटी के चेयरमैन अशोक लोहनी उनका पहले से इंतजार कर रहे थे। लोहनी ने इन लोगों की जलपान की व्यवस्था की थी। प्रताप कुमार और गणेश राम ने जलपान करने से इंकार किया।
उनके मुंह से आभार जताने के लिए शब्द नहीं निकल पा रहे थे। उन्होंने थैंस अजय टम्टा कहा और लोहनी का भी आभार जताया। इसके पश्चात यह लोग 50 किमी दूर गांसी के लिए रवाना हुए। सुबह करीब 11 बजे यह लोग घर पहुंच गए थे। स्थानीय श्मशान घाट में अपने पिता का अंतिम संस्कार किया।